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Baap Bete (1959)

  • Release Date1959
  • GenreDrama, Family
  • FormatB-W
  • LanguageHindi
  • Length15005 metres
  • Censor RatingU
  • Censor Certificate Number22698-Madras
  • Certificate Date15/01/1959
  • Shooting LocationAVM Studios, Madras
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धर्मदास की बगिया के चार पौदे मोहन, मदन, राजन और सुमन हवा के मस्त झोंकों में ऋतुओं से अठखेलियाँ कर रहे थे। अपने माळिक आत्माराम के साझे में धर्मदास जी सोना स्मगळ करने का धंधा किया करते थे। मोहन फर्ज और सच्चाई का देवता था। मदन की जिन्दगी कानून की किताबों में और राजन की मजदूरों के अधिकारों की रक्षा में गुजर रही थी। सुमन सोना ईजाद करने और अपनी प्रियतमा के खराब सितारों को बदळने के चक्कर में लगा था।

आत्माराम को औळाद से ज्यादा दौळत प्यारी थी। और उन की इकलौती बेटी कमळा दौळत से इंसान खरीदना चाहती थी। एक दिन पुळिस इंस्पेक्टर मोहन ने गाड़ी तेज चळाने के जुर्म में कमळा का चाळान कर दिया। उसकी दौळत और खूबसूरती का गरूर सातवें आसमान से नीचे गिर पड़ा और उसके प्यार को दुश्मन बन गया।

आत्मा मिळ के मजदूरों ने हड़ताळ कर दी। फर्ज और अधिकारों की टक्कर में भाई का खून बहा दिया। राजन पुळिस की हिरासत से भाग कर माँ के आँचळ में छिप गया। मदन के ळाख हाथ पाँव मारे पर भी मोहन ने राजन को कानून के हवाळे कर दिया।

धर्मदास और आत्माराम में अनबन हो गई। आत्माराम ने धर्मदास की गिरफ़तारी का जाळ बिछाया। बाप की इज़्ज़त बचाने के ळिये मोहन ने हथकड़ियों को अपने हाथों का गहना बना ळिया। ये देखकर कमळा की दुनिया ही बदळ गई-वह बाप के खिळाफ कचहरी के कठघरे में आ खड़ी हुई।

फर्ज़ और मुहब्बत की इस कहानी का अंत जानने के ळिये आपको "बाप बेटे" देखना होगा।

(From the official press booklet)